झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है, लेकिन टिकट बंटवारे के बाद पार्टी के अंदर असंतोष और बगावत की खबरें सामने आ रही हैं। पोटका विधानसभा सीट से अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद पार्टी की वरिष्ठ नेता और पोटका की पूर्व विधायक मेनका सरदार ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। यह घटनाक्रम चुनाव से ठीक पहले भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
मीरा मुंडा को टिकट और उनकी प्रतिक्रिया
मीरा मुंडा, जो कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी हैं, को इस बार पोटका विधानसभा सीट से भाजपा का उम्मीदवार बनाया गया है। मीरा मुंडा का यह पहला चुनाव होगा, लेकिन वह पहले से ही अपने पति के साथ पार्टी के कई कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेती रही हैं। टिकट मिलने के बाद मीरा मुंडा ने कहा कि भाजपा ने उन्हें जो जिम्मेदारी दी है, वह उसका पूरी निष्ठा के साथ पालन करेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि पोटका क्षेत्र पिछले कुछ समय से विकास से वंचित रहा है, और अगर जनता का समर्थन मिला तो वह इस क्षेत्र के विकास के लिए काम करेंगी।
मीरा मुंडा ने कहा, “यह सीट पहले भाजपा के पास थी, लेकिन 2019 के चुनाव में जेएमएम ने इस पर कब्जा कर लिया। तब से यहां जनता की समस्याओं को अनदेखा किया गया और विकास कार्य ठप हो गए हैं। मैं जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को दूर करने की कोशिश करूंगी।” उन्होंने पार्टी नेतृत्व और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का आभार व्यक्त किया और भरोसा दिलाया कि वह इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाएंगी।
मेनका सरदार का इस्तीफा
मीरा मुंडा को टिकट मिलने के बाद भाजपा में असंतोष खुलकर सामने आ गया है। पोटका से पूर्व विधायक मेनका सरदार, जो खुद इस सीट से टिकट की दावेदार थीं, ने नाराज होकर भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को अपना इस्तीफा पत्र भेजा, जिसमें उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा देने का ऐलान किया है। हालांकि, इस्तीफा पत्र में उन्होंने इस्तीफे के कारणों का स्पष्ट उल्लेख नहीं किया, लेकिन यह माना जा रहा है कि टिकट न मिलने से वे बेहद नाराज हैं।
मेनका सरदार ने पत्र में लिखा, “मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता के साथ-साथ सभी पदों से इस्तीफा दे रही हूं। कृपया इसे स्वीकार करें।” उनके इस्तीफे से भाजपा को पोटका क्षेत्र में एक बड़ा झटका लगा है, क्योंकि मेनका सरदार का इस क्षेत्र में मजबूत जनाधार माना जाता है।
पोटका में भाजपा के लिए मुश्किलें
मेनका सरदार के इस्तीफे के बाद पोटका विधानसभा में भाजपा के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हालांकि, पार्टी ने अर्जुन मुंडा के प्रभाव को देखते हुए उनकी पत्नी मीरा मुंडा को उम्मीदवार बनाया है, लेकिन पार्टी के पुराने और लोकप्रिय नेताओं को टिकट न देने से असंतोष गहराता जा रहा है। मेनका सरदार पोटका से विधायक रह चुकी हैं और उनका जनाधार क्षेत्र में मजबूत है। ऐसे में उनके इस्तीफे से पार्टी को नुकसान हो सकता है।
पार्टी के लिए नई चुनौती
भाजपा में सीटों के एलान के बाद जो बगावत शुरू हुई है, वह पार्टी के लिए एक नई चुनौती के रूप में उभर रही है। मेनका सरदार के इस्तीफे के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी इसे कैसे संभालती है। इस बीच, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने मीरा मुंडा के चुनावी मैदान में उतरने पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने मीरा मुंडा के चुनाव लड़ने के फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वे अच्छा कर रही हैं, लेकिन इस पर ज्यादा कुछ नहीं कहा।