रांची: झारखंड में विधानसभा चुनावों की तैयारी के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने गठबंधन के तहत सीटों का बंटवारा कर दिया है। पार्टी ने अपने प्रमुख सहयोगियों के साथ मिलकर सीटों का वितरण किया है, जिसमें अधिकारी समूह, लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) को सीटें दी गई हैं। यह बंटवारा झारखंड में आगामी विधानसभा चुनावों में बीजेपी की रणनीतिक चाल के रूप में देखा जा रहा है, जहां पार्टी ने गठबंधन को मजबूत करने के उद्देश्य से सीटें आवंटित की हैं।
बीजेपी को मिले 68 सीटें
इस बंटवारे के अनुसार, बीजेपी खुद 68 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जो राज्य की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है। यह स्पष्ट करता है कि बीजेपी अपनी स्थिति को मजबूत रखने और एक प्रमुख भूमिका निभाने के लिए तैयार है। झारखंड में बीजेपी का लक्ष्य स्पष्ट है—गठबंधन के माध्यम से सरकार बनाना और राज्य में फिर से सत्ता हासिल करना।
अधिकारी समूह को 10 सीटें
बीजेपी ने अपने गठबंधन सहयोगी अधिकारी समूह को 10 सीटें आवंटित की हैं। अधिकारी समूह झारखंड में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और इन सीटों पर उनकी पकड़ को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। यह कदम दोनों पार्टियों के बीच आपसी तालमेल को मजबूत करने और चुनावी जीत सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
जेडीयू को 2 सीटें और लोजपा को 1 सीट
जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) को इस बंटवारे में 2 सीटें दी गई हैं। जेडीयू के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर है, जहां पार्टी अपने उम्मीदवारों को विधानसभा में पहुंचाने की कोशिश करेगी। इसके साथ ही, राम विलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) को 1 सीट दी गई है। लोजपा के लिए यह सीट झारखंड में अपनी उपस्थिति को और मजबूत करने का मौका है।
आईएसयू को विशेष क्षेत्रीय सीटें
आईएसयू (इंडिपेंडेंट सोशलिस्ट यूनियन) को झारखंड के कुछ प्रमुख क्षेत्रीय सीटें आवंटित की गई हैं। इनमें डुंगरी, गोमिया, मंडू, रामगढ़, दिल्ली, इचागढ़, मनोहरपुर, लोहरदगा, और जुगसलाई शामिल हैं। यह सीटें इन क्षेत्रों में आईएसयू की लोकप्रियता और प्रभाव को ध्यान में रखते हुए आवंटित की गई हैं। इन क्षेत्रों में आईएसयू के उम्मीदवारों के चुनाव जीतने की संभावना काफी मजबूत मानी जा रही है।
गठबंधन का महत्व
इस सीट बंटवारे से यह साफ है कि बीजेपी ने झारखंड में अपनी चुनावी रणनीति को बेहद सोच-समझकर तैयार किया है। पार्टी ने अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ बेहतर तालमेल बैठाने और सभी क्षेत्रों में मजबूत स्थिति बनाए रखने का प्रयास किया है। यह गठबंधन झारखंड की राजनीतिक स्थिति को बदलने और बीजेपी के नेतृत्व में एक स्थिर सरकार बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
बीजेपी की रणनीति
बीजेपी ने झारखंड में अपने गठबंधन को मजबूत करते हुए अपने लिए बड़ी हिस्सेदारी सुनिश्चित की है। पार्टी की यह रणनीति राज्य में पिछली बार की तुलना में ज्यादा सीटें जीतने की है। इसके अलावा, सहयोगी दलों को सीटें देकर बीजेपी ने यह भी सुनिश्चित किया है कि हर क्षेत्र में विपक्षी दलों को चुनौती दी जा सके।