रांची: झारखंड में जल जीवन मिशन योजना के तहत करोड़ों रुपए के घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़ा कदम उठाया है। सोमवार को ईडी की टीम ने राज्य के कई स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें मंत्री, अधिकारी, और अन्य जुड़े हुए लोगों के ठिकानों की तलाशी ली गई। इस छापेमारी में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद हुए हैं, जो जांच के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
जल जीवन मिशन में गड़बड़ी और FIR का आधार
झारखंड सरकार के जल जीवन मिशन योजना में विभिन्न जिलों में गड़बड़ियों और अनियमितताओं की शिकायतें लगातार सामने आ रही थीं। इन गड़बड़ियों के चलते कुछ जिलों में एफआईआर भी दर्ज की गई थी। इन शिकायतों और दर्ज मामलों के आधार पर ही ईडी ने अपनी जांच शुरू की। जल जीवन मिशन योजना का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना है, लेकिन इस योजना में हुए अनियमितताओं और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों ने इसकी छवि को दागदार बना दिया है।
मंत्री और अधिकारियों पर गिरी ईडी की गाज
इस छापेमारी में झारखंड सरकार के मंत्री मिथिलेश ठाकुर के निजी सचिव (PS) हरेंद्र सिंह, IAS अधिकारी मनीष रंजन, और बिल्डर-कॉन्ट्रैक्टर विजय अग्रवाल के ठिकानों पर कार्रवाई की गई। इसके अलावा, पेयजल और स्वच्छता विभाग के कई इंजीनियरों और अन्य अधिकारियों के ठिकानों पर भी ईडी ने छापे मारे। रांची, चाईबासा, और अन्य जिलों में कुल मिलाकर 20 स्थानों पर ईडी की टीमों ने एक साथ दबिश दी।
छापेमारी से बरामद दस्तावेज और उपकरण
रांची में विजय अग्रवाल के रातू रोड, हरमू, और मोरहाबादी स्थित ठिकानों पर सर्च की गई। इसके साथ ही, IAS मनीष रंजन के आवास और मंत्री मिथिलेश ठाकुर के PS हरेंद्र सिंह के आवास पर भी ईडी की टीम ने सर्च ऑपरेशन किया। खबरों के अनुसार, इन ठिकानों से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए हैं, जो जांच के लिए अहम साबित हो सकते हैं।
संतोष कुमार की अवैध निकासी और जांच की दिशा
जल जीवन मिशन में 23 करोड़ की अवैध निकासी के आरोप में विभाग के कैशियर संतोष कुमार पहले से ही जेल में हैं। इस घोटाले का खुलासा होने के बाद, विभाग ने मामले में एफआईआर दर्ज कराई थी। इसी आधार पर ईडी ने अपनी कार्रवाई को आगे बढ़ाया। संतोष कुमार की भूमिका इस पूरे घोटाले में महत्वपूर्ण मानी जा रही है, और उसकी निकासी से जुड़े दस्तावेजों की जांच भी की जा रही है।
मंत्री मिथिलेश ठाकुर पर बढ़ता दबाव
मंत्री मिथिलेश ठाकुर, जो राज्य की हेमंत सोरेन सरकार में एक प्रभावशाली मंत्री माने जाते हैं, उन पर भी इस जांच की आंच पहुंच सकती है। ठाकुर गढ़वा विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे और 2019 से राज्य सरकार में अहम भूमिका निभा रहे हैं। जल जीवन मिशन की गड़बड़ियों से जुड़े इस मामले में उनकी भूमिका की भी जांच की जा रही है। यह छापेमारी उनके निजी सचिव और अन्य करीबियों के ठिकानों पर की गई, जिससे यह संकेत मिलता है कि जांच की दिशा मंत्री तक भी पहुंच सकती है।
ईडी की पूर्ववर्ती छापेमारी
इसके पहले, शनिवार को भी ईडी की टीम ने रांची में चर्चित भूमि घोटाले से जुड़े कई स्थानों पर छापेमारी की थी। यह छापेमारी राज्य में चल रही विभिन्न योजनाओं में हो रही गड़बड़ियों और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों को उजागर करने के लिए की गई थी।
निष्कर्ष
झारखंड में जल जीवन मिशन योजना में हो रहे भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की जांच के चलते ईडी की छापेमारी ने राज्य में एक नई हलचल पैदा कर दी है। सरकार के उच्च पदों पर बैठे मंत्री और अधिकारी इस जांच की जद में आ चुके हैं। बरामद दस्तावेज और उपकरण इस जांच को और गहराई में ले जाने में सहायक हो सकते हैं। ईडी की यह कार्रवाई राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त संदेश है और आने वाले दिनों में इसके और बड़े खुलासे होने की संभावना है।