साँच को आँच कैसा ?बन्ना गुप्ता ने दिया सरयू राय को मुंहतोड़ जवाब जीत लिया राज्य कर्मियों का दिल।
रांची: झारखंड की राजनीति में इन दिनों राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता और जमशेदपुर पूर्व के विधायक सरयू राय के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज़ हो गया है। राज्य के कैशलेस स्वास्थ्य बीमा योजना को लेकर सरयू राय ने स्वास्थ्य मंत्री पर गंभीर आरोप लगाए, लेकिन बन्ना गुप्ता ने इस पर मुंहतोड़ जवाब देते हुए राज्य कर्मियों का दिल जीत लिया।
सरयू राय का आरोप
शुक्रवार को सरयू राय ने एक बड़ा बयान जारी करते हुए स्वास्थ्य मंत्री पर आरोप लगाया कि राज्य के कर्मचारियों के कैशलेस इलाज की सुविधा से संबंधित फाइल पिछले दो महीनों से मंत्री बन्ना गुप्ता के पास लंबित पड़ी है। राय का कहना है कि निविदा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, और न्यूनतम प्रीमियम पर बीमा कंपनी का चयन भी हो गया है। इसके बावजूद, फाइल पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या मंत्री इस दौरान बीमा कंपनी के साथ कोई निजी बातचीत (निगोसिएशन) कर रहे हैं?
सरयू राय का दावा है कि वित्त और विधि विभाग से भी सहमति मिल चुकी है, लेकिन इसके बाद भी बीमा कंपनी को आदेश जारी नहीं किया गया। उन्होंने यह भी पूछा कि निविदा समिति के निर्णय के बावजूद फाइल मंत्री के पास क्यों भेजी गई और क्या मंत्री ने खुद इसे मंगवाया है?
बन्ना गुप्ता का जवाब
इन आरोपों का स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कड़ा जवाब देते हुए कहा कि फाइल में कुछ तकनीकी अड़चनें हैं, जिन्हें दूर किया जा रहा है। गुप्ता ने स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया में कोई देरी जानबूझकर नहीं की गई है, और जल्द ही फाइल पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। गुप्ता ने यह भी कहा कि सरकार राज्यकर्मियों के स्वास्थ्य से संबंधित योजनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है, और जल्द ही इस योजना को लागू किया जाएगा।
बन्ना गुप्ता ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए ये आरोप बेबुनियाद हैं और उनका उद्देश्य केवल सरकार की छवि खराब करना है। उन्होंने कहा कि सरकार पारदर्शिता के साथ काम कर रही है और राज्यकर्मियों के हित में हर संभव कदम उठाए जाएंगे।
राजनीतिक माहौल गरमाया
इस मुद्दे ने झारखंड की राजनीति में हलचल मचा दी है। जहां एक ओर सरयू राय राज्य सरकार और स्वास्थ्य मंत्री पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बन्ना गुप्ता ने आरोपों का करारा जवाब देकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। राय ने दावा किया कि सरकार राज्यकर्मियों के हितों की अनदेखी कर रही है, लेकिन गुप्ता ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि तकनीकी कारणों से कुछ देरी हो रही है, लेकिन इसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा।
जनता की नजर
इस पूरे विवाद में जनता की निगाहें अब राज्य सरकार के अगले कदम पर हैं। राज्यकर्मियों को कैशलेस इलाज की सुविधा का इंतजार है, और इस राजनीतिक घमासान ने उनके लिए स्थिति को और जटिल बना दिया है। हालांकि बन्ना गुप्ता ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि राज्यकर्मियों को जल्द ही इस योजना का लाभ मिलेगा, लेकिन अब देखना यह होगा कि सरकार कब तक इस योजना को लागू कर पाती है।
निष्कर्ष
झारखंड की राजनीति में यह मुद्दा तेजी से तूल पकड़ता जा रहा है। सरयू राय के आरोपों और बन्ना गुप्ता के जवाब ने इस मामले को और अधिक गरमा दिया है। राज्यकर्मियों को उम्मीद है कि सरकार जल्द ही इस मुद्दे का समाधान करेगी और उन्हें कैशलेस इलाज की सुविधा मिल सकेगी। आने वाले दिनों में इस मामले पर क्या रुख अपनाया जाएगा, यह देखना दिलचस्प होगा।