झारखंड की राजधानी रांची, जो धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की पावन भूमि के रूप में जानी जाती है, एक बार फिर ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनी। माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के झारखंड दौरे के दौरान, उन्हें रांची एयरपोर्ट पर सम्मानपूर्वक विदाई दी गई और स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। इस भव्य अवसर ने न केवल राज्य के गौरव को बढ़ाया बल्कि झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और महान स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा के प्रति आदरभाव को भी प्रकट किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का झारखंड दौरा
माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का झारखंड दौरा कई मायनों में ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने इस दौरान कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शुभारंभ किया, जिससे राज्य के विकास को नई गति मिली। उनका यह दौरा राज्य के लिए गौरवपूर्ण रहा, क्योंकि उन्होंने झारखंड के विभिन्न हिस्सों का दौरा कर वहां की जनता से संवाद स्थापित किया और स्थानीय मुद्दों को समझा।
राष्ट्रपति मुर्मू, जो खुद भी झारखंड से हैं, का अपने गृह राज्य आना हमेशा एक भावनात्मक और गौरवपूर्ण अनुभव होता है। झारखंड की जनता ने भी अपने प्रिय नेता का गर्मजोशी से स्वागत किया और उनका अभिनंदन किया। उनके इस दौरे ने राज्य के लोगों में एक नई ऊर्जा और उम्मीद का संचार किया।
रांची एयरपोर्ट पर राष्ट्रपति को स्मृति चिन्ह भेंट
रांची एयरपोर्ट पर विदाई समारोह के दौरान माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को झारखंड सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा एक विशेष स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। यह स्मृति चिन्ह झारखंड की संस्कृति, परंपरा और विरासत का प्रतीक था, जिसे देखकर राष्ट्रपति भावुक हो गईं। इस स्मृति चिन्ह में भगवान बिरसा मुंडा की संघर्षमय गाथा और उनके बलिदान की झलक थी, जो झारखंड की आत्मा और स्वतंत्रता संग्राम का एक अहम हिस्सा है।
भगवान बिरसा मुंडा: झारखंड के महानायक
भगवान बिरसा मुंडा को झारखंड का महानायक और स्वतंत्रता संग्राम का अग्रणी माना जाता है। उन्होंने आदिवासी समाज के अधिकारों की रक्षा के लिए अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया और अपने लोगों को शोषण से मुक्त करने का संकल्प लिया। बिरसा मुंडा का संघर्ष और उनके बलिदान ने झारखंड ही नहीं, बल्कि पूरे देश के स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी। उन्हें आदिवासी समाज के मसीहा के रूप में पूजा जाता है और उनके विचार आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं।
झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान
राष्ट्रपति को स्मृति चिन्ह भेंट करने का यह अवसर झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर के प्रति आदर और सम्मान प्रकट करने का था। यह स्मृति चिन्ह झारखंड की लोक कलाओं, परंपराओं और सांस्कृतिक मूल्यों का प्रतिनिधित्व करता है, जिन्हें राष्ट्रपति ने गर्व के साथ स्वीकार किया। यह समारोह न केवल राष्ट्रपति के प्रति सम्मान का प्रतीक था, बल्कि झारखंड की विरासत को देश के सर्वोच्च पद पर आसीन व्यक्ति के समक्ष प्रस्तुत करने का भी एक सुनहरा अवसर था।
राष्ट्रपति का संदेश और आशीर्वाद
अपने दौरे के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड की जनता को विकास, एकता और सामाजिक समरसता के संदेश दिए। उन्होंने राज्य के युवाओं, किसानों, और महिलाओं को आगे बढ़ने और अपने अधिकारों के प्रति सजग रहने का आह्वान किया। राष्ट्रपति ने झारखंड के विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकार के समन्वय की बात कही और झारखंडी समाज की समस्याओं के समाधान के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
विदाई के समय का भावनात्मक क्षण
रांची एयरपोर्ट पर विदाई के दौरान उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों, अधिकारियों, और जनता ने राष्ट्रपति को विदाई दी। इस दौरान वातावरण भावनात्मक हो गया, क्योंकि झारखंड की बेटी के रूप में राष्ट्रपति मुर्मू का राज्य से विदा होना सभी के लिए एक खास क्षण था। उन्होंने सभी को आशीर्वाद दिया और झारखंड की उन्नति के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त कीं।
निष्कर्ष
माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का झारखंड दौरा राज्य के लिए एक ऐतिहासिक घटना थी, जिसने झारखंड की आत्मा और विरासत को संजोने का संदेश दिया। भगवान बिरसा मुंडा की धरती पर आकर और वहां से स्मृति चिन्ह प्राप्त कर उन्होंने झारखंड के प्रति अपने गहरे लगाव और सम्मान को प्रकट किया। यह दौरा राज्य के लोगों के लिए प्रेरणादायक और उत्साहवर्धक रहा, जो झारखंड को विकास के पथ पर आगे ले जाने के लिए एक नई ऊर्जा का संचार करेगा।