झारखंड सरकार ने राज्य के प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। राज्य के 28,532 प्राथमिक शिक्षकों को टैबलेट वितरित किए जाएंगे। इस पहल का उद्देश्य शिक्षा प्रणाली में तकनीकी सुधार और शिक्षकों को पठन-पाठन में डिजिटल टूल्स के उपयोग के लिए प्रोत्साहित करना है।
प्रमुख बिंदु
1. टैबलेट वितरण प्रक्रिया:
• सबसे अधिक टैबलेट रांची जिले (2,438) में वितरित किए जाएंगे, जबकि लोहरदगा जिले में सबसे कम (417) टैबलेट दिए जाएंगे।
• सिबिन कार्ट प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी टैबलेट की आपूर्ति और एक वर्ष तक रखरखाव की जिम्मेदारी निभाएगी।
• जिला शिक्षा अधीक्षक (DEO) शिक्षकों की सूची तैयार करेंगे और प्रखंड स्तर पर वितरण सुनिश्चित करेंगे।
2. टैबलेट उपयोग के नियम (SOP):
• टैबलेट का उपयोग केवल पठन-पाठन और शैक्षणिक गतिविधियों के लिए किया जाएगा।
• गाने सुनने या पठन-पाठन से इतर सामग्री देखने पर प्रतिबंध रहेगा।
• शिक्षक टैबलेट घर ले जा सकेंगे, लेकिन इसे शहर से बाहर नहीं ले जा सकते।
3. इंटरनेट और रखरखाव:
• शिक्षक टैबलेट में सिम का उपयोग करेंगे, जिसका खर्च विद्यालय विकास मद (School Development Fund) से किया जाएगा।
• प्रत्येक शिक्षक 1 जीबी डेटा प्रतिदिन का उपयोग कर सकेंगे।
• टैबलेट की देखभाल और सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी शिक्षक की होगी।
• टैबलेट चोरी, गुम या टूटने की स्थिति में शिक्षक से इसकी राशि वसूली जाएगी।
4. तकनीकी सहायता:
• यदि टैबलेट में खराबी आती है, तो इसे 8 दिनों के भीतर मरम्मत या बदला जाएगा।
• गलत रिपेयरिंग या अनुचित उपयोग पर वारंटी कवरेज नहीं मिलेगा।
मुख्यमंत्री का निर्देश: आदिवासी कल्याण हॉस्टल निर्माण में तेजी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कल्याण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि रांची और डाल्टनगंज में प्रस्तावित चार आदिवासी कल्याण हॉस्टल का निर्माण तय समय सीमा में पूरा किया जाए। इन हॉस्टलों के निर्माण की टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।
निष्कर्ष
झारखंड सरकार की यह पहल राज्य में शिक्षा के डिजिटलकरण को बढ़ावा देने के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। टैबलेट के माध्यम से शिक्षक अपनी उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे और पठन-पाठन को अधिक प्रभावी बना सकेंगे। सरकार का यह कदम शिक्षकों को डिजिटल युग के लिए तैयार करने और झारखंड की शिक्षा प्रणाली को उन्नत बनाने में सहायक सिद्ध होगा।