धनबाद/चिरकुंडा
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की कोलकाता इकाई ने बुधवार सुबह अचानक धनबाद जिले के चिरकुंडा थाना क्षेत्र स्थित डुमरकुंडा बस्ती में छापेमारी कर सनसनी फैला दी। कार्रवाई के दौरान टीम ने एक बंद पोल्ट्री फार्म से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया है।
सूत्रों के अनुसार, एनआईए ने लकड़ी और पत्थर व्यवसायी संजय रवानी से प्रारंभिक पूछताछ के बाद कालूबथान क्षेत्र के बोरियो गांव से सटे जंगल में स्थित एक बंद पोल्ट्री फार्म पर छापा मारा। यहां से 31 कॉर्टन अमोनियम नाइट्रेट, 10 बोरी (प्रत्येक 50 किलो) सल्फर, और 13 कॉर्टन जिलेटिन जब्त किया गया। बरामद सामान पर पश्चिम बंगाल के टैग लगे हुए हैं, जिससे इसके अंतरराज्यीय नेटवर्क की आशंका जताई जा रही है।
संदिग्ध गतिविधियों का खुलासा
छापेमारी के दौरान संजय का भाई अमरजीत रवानी फरार हो गया। एनआईए की टीम ने पोल्ट्री फार्म को सील कर लिया है और बरामद सामग्री के साथ कोलकाता लौट गई है। वहीं, पूछताछ के बाद संजय को छोड़ दिया गया। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि इन विस्फोटकों का उपयोग किस उद्देश्य से किया जा रहा था। प्रारंभिक अनुमान है कि इसका प्रयोग पत्थर तोड़ने के कार्यों में किया जा रहा होगा, परंतु किसी बड़ी साजिश की आशंका को भी खारिज नहीं किया गया है।
स्थानीय लोग दहशत में
पोल्ट्री फार्म से भारी मात्रा में विस्फोटक मिलने की खबर से स्थानीय ग्रामीण दहशत में हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें इस फार्म में ऐसी किसी गतिविधि की जानकारी तक नहीं थी। गांव के लोग इस बात से सन्न रह गए कि उनके पास इतने खतरनाक विस्फोटक जमा किए गए थे।
कौन है संजय रवानी?
संजय रवानी, डुमरकुंडा बस्ती निवासी स्व. रामप्रसाद रवानी का बड़ा बेटा है। पिता की मृत्यु के बाद वह लकड़ी के कारोबार से जुड़ा रहा और बाद में पत्थर व्यवसाय में सक्रिय हो गया। बताया जा रहा है कि उसका झारखंड और बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों के वन विभाग एवं पुलिस अधिकारियों से अच्छा संपर्क रहा है। संजय का छोटा भाई अमरजीत भी पत्थर व्यवसाय से जुड़ा है, जबकि अन्य भाइयों में सूरज सीएसपी चलाता है और रंजीत का जनरल स्टोर है।
जांच जारी, चुप्पी साधे हैं अधिकारी
एनआईए टीम इस पूरे मामले में हर पहलू पर गहराई से जांच कर रही है। टीम यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कहीं किसी बड़ी आतंकी या विध्वंसक घटना की तैयारी तो नहीं की जा रही थी। हालांकि अभी तक एजेंसी की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।