रांची: झारखंड की राजधानी रांची में यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से प्रशासन द्वारा सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में शनिवार को ट्रैफिक पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया। इस अभियान के तहत सर्जना चौक से शहीद चौक तक सड़क किनारे बने अवैध निर्माणों को हटाया गया। कार्रवाई के दौरान कई फुटपाथी दुकानों को ध्वस्त कर दिया गया।

अवैध कब्जों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई

अभियान के दौरान बुलडोजर की मदद से अवैध दुकानों और निर्माणों को गिरा दिया गया। पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई की जानकारी मिलते ही दुकानदारों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। सड़कों पर लगने वाली अवैध दुकानों को हटाकर वहां अवरोधक (ड्रम) लगा दिए गए, ताकि भविष्य में फिर से अतिक्रमण न हो सके।

चक्रधरपुर में भी गरज चुका है बुलडोजर

रांची से पहले राज्य के अन्य इलाकों में भी अवैध कब्जों पर कार्रवाई हो चुकी है। हाल ही में चक्रधरपुर में प्रशासन ने एक बड़े बाजार को बुलडोजर की मदद से ध्वस्त कर दिया था। इस कार्रवाई में लगभग 38 दुकानों को अवैध कब्जे के तहत तोड़ा गया। प्रशासन का कहना है कि ये सभी निर्माण बिना अनुमति के किए गए थे।

लाखों की जमीन कब्जामुक्त

इस तरह की कार्रवाइयों के दौरान प्रशासन ने करोड़ों की सरकारी जमीन को अवैध कब्जों से मुक्त करवाया है। रांची समेत अन्य शहरों में सड़कों और फुटपाथ पर अवैध रूप से बने दुकानों और निर्माणों को हटाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। प्रशासन का मानना है कि इन अतिक्रमणों के कारण यातायात व्यवस्था बाधित होती है, जिससे आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

यातायात व्यवस्था सुधारने पर जोर

अतिक्रमण हटाओ अभियान के जरिए न केवल यातायात व्यवस्था में सुधार की कोशिश की जा रही है, बल्कि सरकारी जमीन को अतिक्रमणकारियों से मुक्त करवा कर विकास कार्यों के लिए उपयोग में लाने की भी योजना है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अवैध निर्माणों के खिलाफ ऐसी कार्रवाइयां आगे भी जारी रहेंगी।

इस अभियान ने जहां यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने की दिशा में सकारात्मक कदम उठाए हैं, वहीं इससे प्रभावित दुकानदारों के लिए नए विकल्प तलाशना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।

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