झारखंड सरकार ने राज्यकर्मियों और पेंशनभोगियों को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। राज्य सरकार झारखंड राज्य कर्मचारी/सेवानिवृत्त कर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू करने जा रही है, जिसमें इलाज की राशि की कोई सीमा नहीं होगी। यह योजना ट्रस्ट मोड पर लागू की जाएगी और इससे लाखों कर्मियों व पेंशनभोगियों को सीधा लाभ मिलेगा।

मुख्य विशेषताएं

1. कैशलेस इलाज की सुविधा:

• सामान्य बीमारियों के लिए 5 लाख रुपये तक कैशलेस इलाज की सुविधा।

• गंभीर बीमारियों के लिए 10 लाख रुपये तक की कैशलेस सुविधा।

• 5 लाख से अधिक के खर्च को सरकार वहन करेगी।

2. किडनी ट्रांसप्लांट का विशेष प्रावधान:

• किडनी ट्रांसप्लांट के मामलों में, किडनी डोनर के इलाज का खर्च भी राज्य सरकार उठाएगी।

3. विस्तृत कवरेज:

• राज्य के सभी सेवाओं के कर्मचारी, सेवानिवृत्त कर्मचारी और उनके आश्रित सदस्य योजना का लाभ उठा सकेंगे।

• आश्रित सदस्यों में पति/पत्नी, पुत्र (25 वर्ष तक), पुत्री (अविवाहित, विधवा या परित्यक्ता), आश्रित माता-पिता (9 हजार रुपये मासिक पेंशन से कम आय वाले) शामिल हैं।

4. प्रत्येक कर्मचारी का योगदान:

• कर्मचारियों के मेडिकल भत्ते से 500 रुपये प्रतिमाह की कटौती होगी।

• सेवानिवृत्त कर्मियों के लिए योजना में शामिल होना ऐच्छिक होगा, और उन्हें 6000 रुपये वार्षिक देना होगा।

5. व्यापक लाभार्थी वर्ग:

• अखिल भारतीय सेवाओं के कार्यरत और सेवानिवृत्त कर्मी।

• विधानसभा के पूर्व सदस्य, पदाधिकारी, कर्मचारी।

• राज्य सरकार के बोर्ड, निगम, संस्थानों के कर्मचारी और सेवानिवृत्त कर्मी।

• राजकीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी।

• वकील भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

योजना की संरचना और प्रबंधन

बीमा कंपनी द्वारा कॉरपोरेट बफर फंड:

गंभीर बीमारियों के लिए 10 लाख रुपये तक का भुगतान बीमा कंपनी करेगी।

झारखंड स्टेट आरोग्य सोसायटी (जसास):

10 लाख रुपये से अधिक के खर्च के लिए सोसायटी द्वारा अलग से बफर फंड बनाया जाएगा।

लाभ का दायरा

• राज्य के 2.25 लाख सेवानिवृत्त कर्मियों सहित लाखों कर्मचारी और उनके आश्रित इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।

• सरकार की इस पहल से स्वास्थ्य सेवाओं में व्यापक सुधार होगा और राज्यकर्मियों को वित्तीय सुरक्षा भी मिलेगी।

अगला कदम

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने इस संशोधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसे आगामी कैबिनेट बैठक में अंतिम स्वीकृति के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। योजना के लागू होने के बाद यह राज्य के सभी सेवाओं के कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी।

झारखंड सरकार की यह पहल देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल बनेगी।

निष्कर्ष

झारखंड सरकार की यह योजना राज्य के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को न केवल वित्तीय सुरक्षा प्रदान करेगी, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता और गुणवत्ता को भी बेहतर बनाएगी। इससे लाखों परिवारों को लाभ होगा। सरकार की यह पहल अन्य राज्यों के लिए भी एक आदर्श मॉडल बन सकती है।

आने वाली कैबिनेट बैठक में इस योजना पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। अगर यह लागू होती है, तो झारखंड के सरकारी कर्मचारियों के लिए यह एक ऐतिहासिक तोहफा साबित होगी।

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