धनबाद
कश्मीर के पहलगाम में हालिया आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया है। घटना के बाद राष्ट्र में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा साफ तौर पर महसूस किया जा रहा है। लेकिन इसके बावजूद आम जनता का हौसला डिगा नहीं है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है—उत्तर भारत की ओर जाने वाली ट्रेनों की स्थिति। विशेषकर धनबाद से जम्मू की ओर जाने वाली ट्रेनों में यात्रियों की भारी भीड़ यह दर्शाती है कि लोग भयभीत नहीं, बल्कि पहले से कहीं अधिक संगठित और साहसी हैं।
यात्रा योजनाओं पर नहीं पड़ा आतंकी घटना का असर
पहलगाम की घटना के बाद शुरुआती दो-तीन दिनों तक कुछ यात्रियों ने अपनी बुकिंग रद्द की थी या यात्रा स्थगित की थी, लेकिन यह असर क्षणिक रहा। अब धनबाद से जम्मू के लिए चलने वाली सभी प्रमुख ट्रेनों में अगले दो महीनों तक बुकिंग फुल है। यात्रियों के मन में भय नहीं, बल्कि दृढ़ता है कि वे अपने यात्रा कार्यक्रम को किसी धमकी या हमले के कारण नहीं बदलेंगे।
गर्मी की छुट्टियों में कश्मीर की वादियों का आकर्षण बरकरार
राज्य के स्कूलों में मई मध्य से गर्मी की छुट्टियाँ शुरू हो रही हैं। हर साल की तरह इस बार भी कश्मीर, वैष्णो देवी और हिमाचल जैसे ठंडी जलवायु वाले पर्यटन स्थलों के लिए यात्राओं की योजना पहले से बनाई जा चुकी है। इस बार धनबाद होकर चलने वाली प्रमुख ट्रेनों जैसे कोलकाता-जम्मूतवी एक्सप्रेस और सियालदह-जम्मूतवी हमसफर एक्सप्रेस की बुकिंग स्थिति बताती है कि यात्री कश्मीर की ओर बढ़ने को तैयार हैं।
बुकिंग के आंकड़े: कोई सीट नहीं, लंबी वेटिंग
धनबाद होकर चलने वाली जम्मूतवी एक्सप्रेस की स्लीपर क्लास में अगले 30 दिनों तक ‘नो रूम’ स्थिति है। यानी सामान्य वेटिंग टिकट भी संभव नहीं है। वहीं थर्ड और सेकंड एसी में पूरे 60 दिनों तक कोई सीट उपलब्ध नहीं है। यही स्थिति सियालदह-जम्मूतवी हमसफर एक्सप्रेस में भी देखी जा रही है, जहाँ लंबी वेटिंग लिस्ट यात्रियों की हिम्मत का संकेत दे रही है।
स्पेशल ट्रेनों में भी हाई डिमांड
धनबाद से सप्ताह में दो बार चलने वाली धनबाद-जम्मूतवी गरीब रथ स्पेशल ट्रेन की 24 मई तक की सभी सीटें पहले ही बुक हो चुकी हैं। जून के लिए भी सीटें तेजी से भर रही हैं। इससे स्पष्ट है कि हमले के बावजूद यात्रियों की कश्मीर यात्रा को लेकर रुचि कम नहीं हुई है।
धार्मिक यात्राएं भी जारी, वैष्णो देवी जा रहे श्रद्धालु
कई यात्री जम्मू पहुँचने के बाद सीधे वैष्णो देवी मंदिर की ओर प्रस्थान कर रहे हैं। कुछ श्रद्धालु वहीं से लौट आ रहे हैं, जबकि कुछ पर्यटक वैष्णो देवी के बाद कश्मीर घाटी या हिमाचल की ओर बढ़ रहे हैं। धार्मिक आस्था और प्राकृतिक सौंदर्य के प्रति लोगों का आकर्षण बना हुआ है।
जनता का संदेश साफ: डरने वाले नहीं हैं हम
ट्रेन की बुकिंग से साफ है कि जनता का मनोबल आतंक के आगे झुकने वाला नहीं है। यात्रियों का रवैया बताता है कि वे सावधानी जरूर बरतेंगे, लेकिन आतंक के डर से अपने सामान्य जीवन और योजनाओं में बदलाव नहीं करेंगे। यह स्थिति न केवल यात्रियों के हौसले की मिसाल है, बल्कि देश की एकजुटता का भी प्रतीक है।
निष्कर्ष
कश्मीर में आतंकी हमला एक निंदनीय घटना है, लेकिन इस बार देश की जनता ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंक अब आम जनजीवन को नहीं डिगा सकता। धनबाद से जम्मू जाने वाली ट्रेनों की बुकिंग ट्रेंड यह बताता है कि डर के मुकाबले उम्मीद और उत्साह अधिक मजबूत हैं।