झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने विधानसभा की 25 समितियों का पुनर्गठन कर दिया है और संबंधित अधिसूचना जारी की है। इस पुनर्गठन के तहत विभिन्न समितियों के नए अध्यक्ष और सदस्य नियुक्त किए गए हैं। यह कदम विधानसभा की कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने और जनहित में निर्णय लेने की प्रक्रिया को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

महत्वपूर्ण समितियों के नए अध्यक्ष:

  1. महिला एवं बाल विकास समिति: कल्पना सोरेन (झामुमो, गांडेय)
  2. लोकलेखा समिति: मनोज कुमार यादव (भा.ज.पा., बरही)
  3. सामान्य प्रयोजन समिति: सत्येंद्र नाथ तिवारी (भा.ज.पा., गढ़वा)
  4. प्राक्कलन समिति: हेमलाल मुर्मू (झामुमो, लिट्टीपाड़ा)
  5. सरकारी उपक्रम समिति: निरल पूर्ति (झामुमो, मझगांव)
  6. सरकारी आश्वासन समिति: अरूप चटर्जी (माले, निरसा)
  7. प्रश्न एवं ध्यानाकर्षण समिति: बसंत सोरेन (झामुमो, दुमका)
  8. जिला परिषद एवं पंचायती राज समिति: प्रदीप यादव (कांग्रेस, पोड़ैयाहाट)
  9. आंतरिक संसाधन एवं केंद्रीय सहायता समिति: रामेश्वर उरांव (कांग्रेस, लोहरदगा)
  10. निवेदन समिति: उमाकांत रजक (झामुमो, चंदनक्यारी)
  11. अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति: स्टीफन मरांडी (महेशपुर)
  12. सदाचार समिति: रामचंद्र सिंह (कांग्रेस, मनिका)
  13. पुस्तकालय विकास समिति: नीरा यादव (भा.ज.पा., कोडरमा)
  14. पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण समिति: उदयशंकर सिंह (झामुमो, सारठ)
  15. विधायक निधि अनुश्रवण समिति: चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह (भा.ज.पा., रांची)
  16. शून्यकाल समिति: भूषण तिर्की (झामुमो, गुमला)
  17. गैर सरकारी संकल्प समिति: राज सिन्हा (भा.ज.पा., धनबाद)
  18. अनागत प्रश्न क्रियान्वयन समिति: सुरेश पासवान (राजद, देवघर)
  19. युवा कल्याण, संस्कृति एवं पर्यटन विकास समिति: सविता महतो (झामुमो, ईचागढ़)
  20. आवास समिति: दशरथ गगराई (झामुमो, खरसावां)
  21. प्रत्यायुक्त समिति: सरयू राय (निर्दलीय, जमशेदपुर पश्चिम)
  22. खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले समिति: विकास मुंडा (झामुमो, तमाड़)

विधानसभा अध्यक्ष के विशेष कार्य:

झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो विशेषाधिकार समिति, नियम समिति और याचिका समिति के सभापति के रूप में कार्य करेंगे। इन समितियों का पुनर्गठन विधानसभा की कार्यप्रणाली को अधिक सुचारु और प्रभावी बनाने के लिए किया गया है।

प्रभावी कार्यप्रणाली के लिए कदम:

विधानसभा की समितियाँ जनहित में प्रभावी निर्णय लेने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इस पुनर्गठन से यह सुनिश्चित किया गया है कि राज्य की विधानसभा समितियाँ अपने कामों में और भी अधिक पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही के साथ कार्य करेंगी। प्रत्येक समिति का नया नेतृत्व इस दिशा में अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार है।

निष्कर्ष:

झारखंड विधानसभा के इस पुनर्गठन से विधानसभा की कार्यप्रणाली को एक नई दिशा मिलेगी। इससे जनहित में बेहतर निर्णयों को लागू किया जा सकेगा, और विधानसभा के सदस्य अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय रूप से काम करेंगे। यह कदम राज्य में लोकतंत्र को और भी सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

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