गढ़वा जिले के उपायुक्त शेखर जमुआर ने सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में पाई गई अनियमितताओं पर कड़ा रुख अपनाते हुए तीन अलग-अलग मामलों में सख्त कार्रवाई की है। ये मामले मझिआंव के रामपुर पैक्स में धान क्रय, खरौंधी प्रखंड में अबुआ आवास योजना और मंईयां सम्मान योजना से संबंधित हैं।
1. रामपुर पैक्स में धान क्रय में अनियमितता
मझिआंव प्रखंड के रामपुर पैक्स में धान क्रय के दौरान भारी अनियमितता का मामला प्रकाश में आया। जिला आपूर्ति पदाधिकारी और जिला सहकारिता पदाधिकारी द्वारा की गई संयुक्त जांच में पाया गया कि 2024-25 धान अधिप्राप्ति विपणन सीजन के तहत पोर्टल पर प्रदर्शित 5,375 क्विंटल धान में से गोदाम में केवल 2,693 क्विंटल धान मौजूद था। लगभग 2,300 क्विंटल धान गोदाम में नहीं पाया गया।
रामपुर पैक्स के अध्यक्ष रवींद्र सिंह से स्पष्टीकरण मांगा गया, लेकिन उनका जवाब अस्वीकार्य पाए जाने के बाद मझिआंव थाने में उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।
उपायुक्त शेखर जमुआर ने कहा कि सरकारी योजनाओं में किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी और संबंधित दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
2. अबुआ आवास योजना में अनियमितता
खरौंधी पंचायत में अयोग्य लाभुकों को अबुआ आवास योजना का लाभ दिए जाने की शिकायत की जांच में यह पाया गया कि नौ अयोग्य लाभुकों को योजना का लाभ दिया गया, जिनमें से सात को प्रथम किश्त की राशि भी दी जा चुकी थी। जांच के बाद सातों लाभुकों से राशि की वसूली की गई।
इस मामले में पंचायत सचिव शशि कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। पंचायत मुखिया मंजू देवी को निलंबित करने की अनुशंसा राज्य निर्वाचन आयोग को भेजी गई, जबकि प्रखंड समन्वयक रविरंजन और प्रखंड विकास पदाधिकारी रविंद्र कुमार से स्पष्टीकरण मांगा गया।
उपायुक्त ने कहा कि योजनाओं का लाभ केवल पात्र लाभुकों को दिया जाना चाहिए और अयोग्य लाभुकों को लाभ पहुंचाने की शिकायतों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
3. मंईयां सम्मान योजना में जालसाजी
खरौंधी प्रखंड के कूपा पंचायत में मंईयां सम्मान योजना के तहत लाभुकों के बैंक खातों के स्थान पर सीएससी संचालकों द्वारा अपने या अपने परिजनों के खाते में राशि अंतरित करने का मामला सामने आया। जांच में पाया गया कि 21 लाभुकों की राशि सीएससी संचालकों नवनीत कुमार पटेल, सत्यनारायण गुप्ता और अजीत प्रजापति के या उनके परिजनों के खातों में जमा की गई।
इस मामले में दोषियों को तत्काल प्रभाव से आईडी निरस्त कर दिया गया। साथ ही सभी लाभुकों की राशि वापस कराई गई।
उपायुक्त ने कहा कि सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी और किसी भी प्रकार की जालसाजी या अनियमितता पर कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।