कोयला क्षेत्र में कार्यरत कर्मियों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की गई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में कोयला कर्मियों के भविष्य निधि (पीएफ) पर 7.6 प्रतिशत ब्याज दर प्रदान की जाएगी। यह दर पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 के समान है।

ब्याज दर में स्थिरता

पिछले वर्ष की तरह, इस साल भी भविष्य निधि पर ब्याज दर को स्थिर रखा गया है। यह निर्णय कोयला कर्मियों के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। 7.6 प्रतिशत की दर से ब्याज प्रदान करना कोयला कर्मियों के आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने और उनकी बचत को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम है।

पेंशन वृद्धि की मांग और कोल इंडिया की पहल

कोल इंडिया ने 20 से 25 रुपये प्रति टन तक अतिरिक्त योगदान देने का सुझाव दिया है। यह कदम भविष्य निधि और पेंशन फंड की स्थिति को मजबूत करने के लिए उठाया गया है। सीएमपीएफ (कोल माइंस प्राविडेंट फंड) की स्थिति को देखते हुए पेंशन में सुधार के लिए अधिक आय की आवश्यकता है।

पेंशन फंड की स्थिति में सुधार लाने के लिए अतिरिक्त कोष की दरकार है, जिसके लिए कोल इंडिया ने कोयला उत्पादन पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की बात कही है। वर्तमान में प्रति टन कोयले पर 10 रुपये पेंशन फंड के लिए दिया जाता है, जिसे 20 से 25 रुपये तक बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।

बीएमएस के प्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया

पेंशन वृद्धि और कोष प्रबंधन पर चर्चा के दौरान बीएमएस (भारतीय मजदूर संघ) के प्रतिनिधि नाराज हो गए। बैठक के दौरान बीएमएस ने कोष प्रबंधन में पारदर्शिता की मांग की और कोयला क्षेत्र के कर्मचारियों के हितों को सर्वोपरि रखने पर जोर दिया।

सरकार की प्रतिबद्धता

सरकार और कोल इंडिया का यह प्रयास कोयला कर्मियों के भविष्य को सुरक्षित बनाने और उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार लाने के लिए है। इससे पेंशन और पीएफ में स्थायित्व आएगा, जो कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए लाभदायक होगा।

निष्कर्ष:
कोयला कर्मियों के पीएफ पर 7.6 प्रतिशत ब्याज दर और पेंशन में सुधार के लिए उठाए जा रहे कदम न केवल उनकी आर्थिक स्थिरता को सुनिश्चित करेंगे, बल्कि उनके भविष्य को सुरक्षित बनाने में भी मदद करेंगे। यह पहल कोयला क्षेत्र में कार्यरत लाखों कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आई है।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version