सरायकेला-खरसावां, 1 जनवरी 2025

नववर्ष के प्रथम दिन, मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने खरसावां शहीद पार्क में स्थित शहीद स्मारक और वीर शहीद केरसे मुंडा चौक पर माल्यार्पण कर खरसावां गोलीकांड के अमर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि खरसावां गोलीकांड हमारे आदिवासी समाज के संघर्ष, बलिदान और गौरवशाली इतिहास का प्रतीक है।

खरसावां गोलीकांड: संघर्ष और शहादत की अमिट गाथा

मुख्यमंत्री ने खरसावां शहीद स्मारक को आदिवासी समुदाय के हक-अधिकार के लिए किए गए संघर्ष और बलिदान का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, “यह स्मारक हमारी पहचान, हमारे शहीदों की स्मृति और उनके मार्गदर्शन का प्रतीक है।” उन्होंने यह भी कहा कि आदिवासी और मूलवासी समुदाय का संघर्ष और बलिदान ही उनकी वर्तमान पहचान का आधार है।

आदिवासियों का प्रकृति से गहरा जुड़ाव

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज का प्रकृति से सदैव गहरा संबंध रहा है। जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए आदिवासी समुदाय का संघर्ष प्रेरणादायक है। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि यदि वर्तमान समाज ने आदिवासी समुदाय के प्रकृति-प्रेम को अपनाया होता, तो पर्यावरणीय संकट और प्राकृतिक आपदाओं से बचा जा सकता था।

शहीद स्मारक का होगा पूर्ण विकास

मुख्यमंत्री ने खरसावां शहीद स्मारक के पूर्ण विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने मंत्री, विधायक और जिला प्रशासन के साथ बैठक कर श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं के विस्तार और विकास योजनाओं की कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, “खरसावां शहीद स्मारक को विश्व पटल पर एक विशिष्ट पहचान दिलाई जाएगी, ताकि आने वाली पीढ़ियां इन वीर शहीदों के बलिदान से प्रेरणा ले सकें।”

विशिष्ट जन और जनसमुदाय की भागीदारी

इस कार्यक्रम में मंत्री श्री दीपक बिरुवा, श्री रामदास सोरेन, सांसद श्रीमती जोबा मांझी, विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन, श्री दशरथ गगराई, श्री सुखराम उरांव, श्रीमती सविता महतो और श्री जगत मांझी सहित हजारों श्रद्धालुओं ने शहीदों को नमन किया।

संघर्ष की प्रेरणा बनेगा खरसावां शहीद स्थल

मुख्यमंत्री ने कहा कि खरसावां गोलीकांड का इतिहास हमें प्रेरणा देता है कि अपने अधिकारों के लिए सतत संघर्ष किया जाए। इस स्मारक को एक ऐसा स्थल बनाया जाएगा, जहां लोग आदिवासी समाज के गौरवशाली इतिहास और उनके संघर्ष से परिचित हो सकें।

इस प्रकार, खरसावां गोलीकांड के 77वें शहादत दिवस पर राज्य ने अपने अमर शहीदों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की और उनके बलिदान से प्रेरणा लेते हुए भविष्य में एक बेहतर समाज के निर्माण का संकल्प लिया।

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