रांची। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने राज्य के श्रमिकों के जीवन स्तर में सुधार और कार्यस्थल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से चार नए श्रम कानून लाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की है। राज्य में जल्द ही ये चार नियमावली लागू की जा सकती हैं, जिनके जरिए मजदूरों को व्यापक सामाजिक सुरक्षा, सुरक्षित कार्यस्थल, उचित मजदूरी और औद्योगिक संबंधों में स्थायित्व मिलेगा।
जानकारी के अनुसार, प्रस्तावित चारों नियमावलियों को विधि विभाग से स्वीकृति मिल चुकी है और अब फाइल वित्त विभाग में भेजी गई है। वित्त विभाग की अनुमति के बाद इन्हें कैबिनेट से मंजूरी दिलाकर लागू करने की योजना है। राज्य सरकार का यह प्रयास केंद्र सरकार के नए श्रम कोड की तर्ज पर है, जिसके तहत देशभर में 29 पुराने श्रम कानूनों को चार श्रम संहिताओं में समाहित किया गया है। झारखंड सरकार भी 15 से अधिक राज्यस्तरीय श्रम कानूनों को चार व्यापक नियमावलियों में समाहित करने की तैयारी कर रही है।
जानिए क्या होंगे इन चार नए कानूनों के मुख्य बिंदु:
- सामाजिक सुरक्षा नियमावली (Social Security – Jharkhand):
इस कानून का उद्देश्य श्रमिकों के लिए पेंशन, बीमा, मातृत्व लाभ और अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करना है। असंगठित क्षेत्र के कामगारों को भी इस फ्रेमवर्क के दायरे में लाने की तैयारी है। - व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य स्थिति नियमावली (Occupational Safety, Health and Working Conditions – Jharkhand):
इसके तहत कार्यस्थल पर सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू किया जाएगा। श्रमिकों के लिए सुरक्षित माहौल, हेल्थ चेकअप की सुविधा और काम के घंटे से जुड़ी व्यवस्थाएं तय की जाएंगी। - औद्योगिक संबंध नियमावली (Industrial Relations – Jharkhand):
इस नियमावली के जरिए मालिक और श्रमिकों के बीच संवाद, विवाद समाधान तंत्र और यूनियनों की भूमिका को स्पष्ट किया जाएगा। उद्देश्य है कि औद्योगिक शांति बनी रहे और विवाद की नौबत न आए। - श्रमिक वेतन नियमावली (Workers Wages – Jharkhand):
न्यूनतम मजदूरी, समय पर भुगतान और वेतन की पारदर्शिता इस नियमावली का मुख्य उद्देश्य है। इसका लाभ असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को भी मिलेगा, जहां अक्सर समय पर वेतन नहीं मिलता।
मजदूरों को क्या होगा लाभ?
इन कानूनों के लागू होने से राज्य के लाखों मजदूरों को बेहतर कामकाजी माहौल, समय पर वेतन, सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने की उम्मीद है। खासकर असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत मजदूरों को संगठित क्षेत्र जैसी सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी।
राज्य सरकार का दावा है कि ये कदम झारखंड को श्रमिकों के लिए एक बेहतर और सुरक्षित राज्य बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।