झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा आयोजित CGL परीक्षा 2024 में पेपर लीक की गूंज के बाद अब IRB (India Reserve Battalion) के छह जवानों पर गाज गिरने जा रही है। इन जवानों पर प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने का झांसा देकर अभ्यर्थियों से ठगी करने वाले गिरोह की मदद करने का आरोप है। झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने इन जवानों को बर्खास्त करने की सिफारिश कर दी है।

DGP ने DIG को लिखा पत्र, कार्रवाई की प्रक्रिया तेज

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए डीजीपी अनुराग गुप्ता ने झारखंड सशस्त्र बल (JAP) के डीआईजी को पत्र लिखकर जवानों को धारा 311 के तहत सेवा से बर्खास्त करने का आदेश दिया है। यह सभी जवान IRB-8 गोड्डा में पदस्थापित थे। वर्तमान में ये सभी निलंबित हैं और जेल में बंद हैं। एक जवान अभी भी फरार है।

कौन-कौन से जवान होंगे बर्खास्त?

1. कुंदन कुमार (आरक्षी-119, IRB-8, गोड्डा)

2. रोबिन कुमार (आरक्षी-105, IRB-8, गोड्डा)

3. अखिलेश कुमार (आरक्षी-578, IRB-8, गोड्डा)

4. गौरव कुमार (आरक्षी-138, IRB-8, गोड्डा)

5. अभिलाष कुमार (आरक्षी-530, IRB-8, गोड्डा)

6. एक फरार जवान, जो खुद भी CGL परीक्षा का अभ्यर्थी था और परीक्षा पास करने के बाद छुट्टी पर चला गया, तब से फरार है।

पेपर लीक का मास्टरमाइंड कौन?

सीआईडी की जांच में सामने आया कि इस घोटाले का मास्टरमाइंड संदीप त्रिपाठी उर्फ शशि भूषण दीक्षित था। उसने विवेक रंजन और अन्य साथियों के साथ मिलकर झारखंड के CGL अभ्यर्थियों को प्रश्नपत्र देने का झांसा देकर लाखों की ठगी की। इस मामले में पहली चार्जशीट की तैयारी भी पूरी हो चुकी है।

गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपियों में पांचों IRB जवान भी शामिल हैं, जो सक्रिय रूप से इस गिरोह को लॉजिस्टिक और अभ्यर्थियों तक संपर्क के लिए सहायता दे रहे थे।

कैसे किया गया था अभ्यर्थियों को गुमराह?

इस संगठित गिरोह ने CGL परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थियों से भारी राशि लेकर प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने का वादा किया। पेपर के नाम पर फर्जी दस्तावेज और उत्तर दिए गए, जिससे कई उम्मीदवार ठगे गए। आईआरबी के जवानों ने अभ्यर्थियों के संपर्क और भरोसेमंद व्यवस्था में मदद की, जो बाद में पकड़ में आ गए।

फरार जवान भी था CGL अभ्यर्थी

सीआईडी की रिपोर्ट के अनुसार फरार जवान खुद भी CGL परीक्षा में सफल हुआ था, लेकिन जांच शुरू होते ही उसने छुट्टी ले ली और फरार हो गया। अब उसकी तलाश तेज कर दी गई है।

निष्कर्ष: पेपर लीक पर जीरो टॉलरेंस की नीति

झारखंड सरकार और पुलिस प्रशासन की यह कार्रवाई यह दर्शाती है कि पेपर लीक जैसे मामलों पर अब जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है। जवानों पर सेवा से बर्खास्तगी की कार्रवाई एक कड़ा संदेश है कि परीक्षा तंत्र में गड़बड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

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