द मीडिया वाला एक्सप्रेस डेस्क | रांची

रांची के एक सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य को जनवरी 2025 में निलंबित कर दिया गया। आरोप है कि उन्होंने स्कूल की सातवीं कक्षा की एक छात्रा के साथ छेड़छाड़ की। मामला बेहद संवेदनशील है, लेकिन जब पूरे घटनाक्रम पर नज़र डाली जाती है, तो कई सवाल उठते हैं — खासकर इसलिए क्योंकि जिस घटना का ज़िक्र किया गया है वह 5 सितंबर 2024 (टीचर्स डे) के पूर्व की है, जबकि इसको लेकर शिकायत तकरीबन चार महीने बाद, जनवरी 2025 में की गई।

क्या है पूरा मामला?

छात्रा के कथित बयान के अनुसार, 5 सितंबर 2024 को शिक्षक दिवस के अवसर पर स्कूल कार्यक्रम के दौरान प्रिंसिपल ने उसका हाथ पकड़ लिया था, जिससे वह असहज महसूस करने लगी। छात्रा ने यह बात स्कूल की शिक्षिका सुषमा को बताई। लेकिन इस पर गौर करने वाली बात यह है कि खुद शिक्षिका ने इस बयान के तुरंत बाद कोई औपचारिक शिकायत नहीं की। बल्कि जनवरी 2025 में जाकर यह मामला जिला शिक्षा अधीक्षक (DSE) बादल राज तक पहुँचा और उसी महीने प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया।

प्रिंसिपल का पक्ष: ‘झूठा आरोप, साजिश के तहत फंसाया गया’

The Mediawala Express से विशेष बातचीत में प्रिंसिपल ने साफ़ तौर पर कहा कि यह एक सोची-समझी साजिश है। उनका दावा है कि वे इस वर्ष राज्यस्तरीय शिक्षा पुरस्कार के लिए चयनित हुए थे और कुछ शिक्षकों को यह बात नागवार गुज़री।

प्रिंसिपल ने बताया कि सुषमा नाम की शिक्षिका को वे कई बार कार्य में लापरवाही के लिए मौखिक चेतावनी देते थे। इससे नाराज़ होकर सुषमा ने उन्हें फंसाने की योजना बनाई। उनका यह भी कहना है कि छात्रा पर सुषमा ने दबाव डाला, जिसके कारण छात्रा ने गलत बयान दिया।

साक्ष्य और बयान: विरोधाभासों से भरा मामला

जब The Mediawala Express की टीम ने सुषमा नाम की शिक्षिका से संपर्क कर उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने यह कहकर चौंका दिया कि “मैंने कोई शिकायत नहीं की है।” इसके तुरंत बाद उन्होंने संवाददाता का नंबर ब्लॉक कर दिया। यह व्यवहार खुद कई सवाल पैदा करता है।

दूसरी ओर, छात्रा और उसके परिवार से संपर्क करने पर उन्होंने संवाद से इनकार करते हुए कॉल को “गलत नंबर” बताकर काट दिया। इस तरह से, शिकायतकर्ता और मुख्य गवाह दोनों की चुप्पी और विरोधाभासी रवैये ने इस मामले को और रहस्यमय बना दिया है।

बच्ची इस समय स्कूल से गायब

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जिन छात्रा पर पूरा मामला आधारित है, वह वर्तमान समय में स्कूल से गायब बताई जा रही है। न तो उसके परिवार से संवाद हो पा रहा है, और न ही बच्ची खुद उपलब्ध है। यह स्थिति जांच एजेंसियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो गई है।

DSE का बयान: ‘कमिटी जांच कर रही है’

रांची के जिला शिक्षा अधीक्षक (DSE) बादल राज से The Mediawala Express की टीम ने जब इस प्रकरण पर विस्तार से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के लिए एक कमिटी बनाई गई है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जल्द ही सभी तथ्य सामने लाए जाएंगे और दोषी के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।

फिलहाल क्या स्थिति है?

  • प्रिंसिपल निलंबित हैं और उन्होंने अपनी सफाई में इस पूरे मामले को ‘झूठा और दुर्भावनापूर्ण’ बताया है।
  • शिक्षिका सुषमा का ट्रांसफर बुंडू के एक अन्य स्कूल में कर दिया गया है।
  • छात्रा गायब है और उसके परिवार से संवाद नहीं हो पा रहा है।
  • जांच कमिटी काम कर रही है और रिपोर्ट की प्रतीक्षा है।

निष्कर्ष:

स्कूल, जहां शिक्षा और संस्कार गढ़े जाते हैं, वहां इस तरह की घटनाएं बेहद गंभीर होती हैं। लेकिन यह भी जरूरी है कि किसी के विरुद्ध की गई शिकायत तथ्यों पर आधारित हो, न कि निजी रंजिश या साजिश का परिणाम। यह मामला न्यायिक जांच की मांग करता है, ताकि न केवल सच्चाई सामने आए बल्कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

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