रांची/नई दिल्ली

देश की सुरक्षा एजेंसियों के हाथ एक बड़ा सुराग लगा है। झारखंड में अलकायदा का मॉड्यूल एक सुनियोजित रणनीति के तहत विकसित किया गया था। इस साजिश के पीछे ‘बिग कैट’ नाम के कोड वर्ड वाले एक विदेशी गाइड का हाथ था, जिसके निर्देश पर डॉ. इश्तियाक अहमद ने झारखंड में जिहादी नेटवर्क को खड़ा किया। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस पूरे मामले में पूरक चार्जशीट दाखिल कर दी है, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं।

चार्ट: अलकायदा मॉड्यूल की गतिविधियां और योजना

चरणगतिविधिस्थानशामिल व्यक्ति
1बिग कैट से संपर्कटेलीग्राम ऐपडॉ. इश्तियाक अहमद
2जिहादी विचारधारा का प्रसारसोशल मीडियामॉड्यूल के अन्य सदस्य
3हथियार खरीद योजनाहजारीबागहथियार डीलर व डॉ. इश्तियाक
4शारीरिक प्रशिक्षणबुलंदशहर (UP)सभी संदिग्ध
5हथियार ट्रायल व प्रशिक्षणभिवाड़ी (राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर)पूरे मॉड्यूल
6गिरफ्तारीअगस्त 202311 आरोपी

‘बिग कैट’ का भारत में नेटवर्क बनाने का प्लान

चार्जशीट में बताया गया है कि 2021 में रांची के एक प्राइवेट अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट रहे डॉ. इश्तियाक अहमद की टेलीग्राम पर ‘बिग कैट’ नाम के यूजर से बातचीत शुरू हुई। यह व्यक्ति भारत में सांप्रदायिक हिंसा और मुसलमानों के खिलाफ होने वाले अत्याचार की बात कर युवाओं को जिहाद के लिए उकसाता था।

हथियार खरीद और ट्रेनिंग की डिटेल

स्पेशल सेल ने दावा किया है कि हजारीबाग में एके-47 जैसी घातक राइफल की खरीद 5-6 लाख रुपये में फिक्स हुई थी। ट्रेनिंग बुलंदशहर और राजस्थान के भिवाड़ी में हुई। इन स्थानों पर हथियार चलाने, बम बनाने और फिजिकल ट्रेनिंग दी गई। सभी आरोपियों को एकांत स्थानों पर छिपाकर प्रशिक्षित किया जा रहा था।

पीएम किसान योजना का दुरुपयोग

चार्जशीट में यह भी उल्लेख है कि दो आरोपी पीएम किसान योजना से मिली राशि का उपयोग आतंकवादी साजिश में कर रहे थे। इस पैसे का इस्तेमाल हथियार खरीदने और लॉजिस्टिक्स पर किया गया।

चार्जशीट में जिनकी हुई पहचान

स्पेशल सेल की चार्जशीट में कुल 11 आरोपियों के नाम सामने आए हैं:

  1. डॉ. इश्तियाक अहमद उर्फ XX कैप्टन
  2. एनामुल अंसारी
  3. शाहबाज अंसारी
  4. अल्ताफ अंसारी
  5. हसन अंसारी
  6. अरशद खान
  7. उमर फारूक
  8. मोहम्मद रिजवान
  9. मोती-उर-रहमान
  10. मोहम्मद रहमानतुल्ला
  11. फैजान अहमद

कानूनी कार्रवाई का स्टेटस

यह पूरक चार्जशीट पटियाला हाउस कोर्ट में दाखिल की गई है। विस्फोटक अधिनियम की धारा 7 और यूएपीए की धारा 45 के तहत आरोपियों पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

निष्कर्ष

झारखंड में अलकायदा मॉड्यूल का पर्दाफाश होना एक बड़ी सफलता है, लेकिन यह भी साफ हो गया है कि देश में जिहादी नेटवर्क अब सोशल मीडिया और स्कीम्स की आड़ लेकर धीरे-धीरे फैल रहा है। सुरक्षा एजेंसियां इस पूरे मॉड्यूल पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं।

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