The Mediawala Express | गढ़वा

झारखंड के गढ़वा जिले में शुक्रवार को एक बेहद दर्दनाक हादसा सामने आया, जिसने पूरे इलाके को शोक में डुबो दिया। जिले के हरैया गांव के आराटोला तालाब में नहाने के दौरान चार लड़कियों की डूबने से मौत हो गई। सभी लड़कियां एक पारिवारिक छठी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए गांव आई थीं। हादसे की खबर मिलते ही गांव में मातम पसर गया और प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे।

घटना कैसे घटी?

प्राप्त जानकारी के अनुसार, हरैया गांव निवासी चंदन सिंह की 10 साल की बेटी लाडो सिंह, जितेंद्र सिंह की 22 वर्षीया बेटी अंकिता सिंह, पलामू जिले की 18 वर्षीय रोमा सिंह, और लेस्लीगंज की 18 वर्षीय मीठी सिंह शुक्रवार को गांव के तालाब में नहाने गई थीं। उनके साथ मीठी का भाई भी था।

नहाने के दौरान अचानक एक-एक कर सभी गहरे पानी में चली गईं और डूबने लगीं। मीठी का भाई किसी तरह खुद को बचाकर बाहर निकल आया और घटना की जानकारी घरवालों को दी। जब तक गांववाले मौके पर पहुंचे, चारों बच्चियां डूब चुकी थीं।

डॉक्टरों ने घोषित किया मृत

गांववालों ने बच्चियों को बाहर निकालकर गढ़वा सदर अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने चारों को मृत घोषित कर दिया। हादसे के बाद पूरा गांव शोक में डूब गया है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

मृतकों की पहचान

  1. लाडो सिंह (10 वर्ष) – पिता: चंदन सिंह, निवासी: हरैया गांव
  2. अंकिता सिंह (22 वर्ष) – पिता: जितेंद्र सिंह, निवासी: हरैया गांव
  3. रोमा सिंह (18 वर्ष) – पिता: विशिष्ट सिंह, निवासी: पगार गांव, पलामू
  4. मीठी सिंह (18 वर्ष) – पिता: विशिष्ट सिंह, निवासी: पूर्णाडीह, लेस्लीगंज

रोमा और मीठी अपने रिश्तेदार के यहां छठी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आई थीं।

प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने जताया शोक

घटना की सूचना मिलते ही गढ़वा विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी, पूर्व मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर, एसडीओ संजय कुमार, और थाना प्रभारी बृज कुमार सदर अस्पताल पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और संवेदना व्यक्त की, साथ ही हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया।

पुलिस ने सभी शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया और फिर परिजनों को सौंप दिया।

निष्कर्ष

गढ़वा जिले में घटी यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि गांवों में सुरक्षित जल स्रोत और चेतावनी चिन्हों की भारी कमी है। चार जिंदगियों का इस तरह असमय समाप्त हो जाना बेहद दुखद है और प्रशासन को भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

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