बिहार के बेतिया जिले में जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) रजनीकांत प्रवीण के आवास पर निगरानी विभाग की टीम ने छापेमारी की। इस कार्रवाई के दौरान भारी मात्रा में नकदी बरामद की गई है, जिसमें 500-500 रुपये के नोटों से दो बेड भरे हुए मिले।
अवैध संपत्ति अर्जित करने का आरोप
रजनीकांत प्रवीण लगभग तीन वर्षों से बेतिया में डीईओ के पद पर कार्यरत हैं और बसंत विहार मोहल्ले में किराए के मकान में रहते हैं। उन पर अवैध रूप से संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। इसी सिलसिले में निगरानी विभाग ने उनके घर पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान इतनी बड़ी मात्रा में नकदी बरामद हुई कि नोट गिनने के लिए मशीन मंगवानी पड़ी।
शिक्षा विभाग में मचा हड़कंप
इस छापेमारी से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। अधिकारियों का कहना है कि मामले की विस्तृत जांच चल रही है और प्रवीण के अन्य ठिकानों पर भी कार्रवाई की जा रही है। निगरानी विभाग को उम्मीद है कि आगे और भी संपत्तियों का खुलासा हो सकता है।
भ्रष्टाचार पर फिर उठे सवाल
इस घटना ने एक बार फिर बिहार में सरकारी अधिकारियों की संपत्ति और भ्रष्टाचार के मुद्दे को उजागर कर दिया है। शिक्षा विभाग जैसे अहम क्षेत्र में इस प्रकार की कार्रवाई ने व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। निगरानी विभाग की यह कार्रवाई राज्य में भ्रष्टाचार पर नकेल कसने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
जांच जारी
निगरानी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रजनीकांत प्रवीण के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। विभाग उनकी आय और संपत्ति के स्रोतों की भी जांच कर रहा है। इस कार्रवाई के बाद अन्य जिलों में भी ऐसी छापेमारी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
इस घटना ने न केवल शिक्षा विभाग, बल्कि आम जनता के बीच भी चिंता पैदा कर दी है। अब यह देखना बाकी है कि जांच में और क्या-क्या खुलासे होते हैं।